THE BEST SIDE OF HANUMAN CHALISA

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युग सहस्त्र जोजन पर भानु का अर्थ क्या है? हनुमान चालीसा में सूर्य की दूरी और वैज्ञानिक तथ्यों का रहस्य

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कुमति निवार सुमति के सङ्गी ॥३॥ कञ्चन बरन बिराज सुबेसा ।

राम मिलाय राज पद दीह्ना ॥१६॥ तुह्मरो मन्त्र बिभीषन माना ।

व्याख्या – सामान्यतः जब किसी से कोई कार्य सिद्ध करना हो तो उसके सुपरिचित, इष्ट अथवा पूज्य का नाम लेकर उससे मिलने पर कार्य की सिद्धि होने में देर नहीं लगती। अतः यहाँ श्री हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिये भगवान श्री राम, माता अंजनी तथा पिता पवनदेव का नाम लिया गया।

लङ्केस्वर भए सब जग जाना ॥१७॥ जुग सहस्र जोजन पर भानु ।

श्री हनुमान जी की महिमा अनिर्वचनीय है। अतः वाणी के द्वारा उसका वर्णन करना सम्भव नहीं।

भावार्थ – आप प्रभु श्री राघवेन्द्र का चरित्र (उनकी पवित्र मंगलमयी कथा) सुनने के लिये सदा लालायित और उत्सुक (कथारस के आनन्द में निमग्न) रहते हैं। read more श्री राम, लक्ष्मण और माता सीता जी सदा आपके हृदय में विराजमान रहते हैं।

[Bhoota=Evil spirits, Pishaacha=ghost; nikata=near; nahi=don’t; avai=occur; mahabira=maha+bira=good+brave; jaba=when; naama=identify; sunavai=listened to]

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मन क्रम बचन ध्यान जो लावै ॥२६॥ सब पर राम तपस्वी राजा ।

सियराम–सरूपु अगाध अनूप बिलोचन–मीननको जलु है।

Rāma RāmaLord Rama rasāyana RasāyanaMixture or selection of sweetness tumhaareTumhaareYour pāsāPāsāClose to

भावार्थ – जो प्राणी वीरश्रेष्ठ श्री हनुमान जी का हृदयसे स्मरण करता है, उसके सभी संकट दूर हो जाते हैं और सभी प्रकार की पीड़ाएँ समाप्त हो जाती हैं।

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